महासभा की पहली अनौपचारिक बैठक की अध्यक्षता करते हुए मैं अत्यंत सम्मानित महसूस कर रही हूं। संगठन ने पिछले वर्षों में क्या उपलब्धियां हासिल की हैं और आने वाले वर्षों की उसकी क्या योजनाएं हैं, मुझे इसके बारे में आप सभी को संक्षिप्त विवरण देने का अवसर प्राप्त हुआ है।
चार महीने पहले आयोजित किए गए महासभा के तिहतरवें (73वें) सत्र के बाद मुझे यह बताते हुए अत्यंत गर्व महसूस हो रहा है कि हमने अब तक क्या उपलब्धियां हासिल की हैं।
हमने महासभा में विश्व स्तर के नेताओं की भागीदारी के अभूतपूर्व स्तर के साथ इस सत्र की शुरुआत की है जिसमें 126 राष्ट्राध्यक्ष और सरकार प्रमुख शामिल हैं। इससे बहुपक्षीयता के प्रति हमारे नेताओं की संबद्धता और संगठन के अपने जनादेश को पूरा करने की क्षमता प्रदर्शित होती है।
महासभा के 73वें सत्र के मुख्य़ भाग ने 281 प्रस्ताव स्वीकृत किए गए और 63 निर्णय लिए। मुख्य समितियों ने अपने कार्य सफलतापूर्वक संपन्न किए और अपने संबंधित जनादेश को पूर्ण किया। पांचवी समिति ने 22 दिसंबर 2018 को सत्र के मुख्य भाग के दौरान अपने कार्य को पूर्ण किया जोकि पिछले दशक का सबसे अच्छा रिकॉर्ड है।
मराकेश में हमने सुरक्षित, व्यवस्थित और नियमित प्रवास पर विश्वव्यापी समझौते को स्वीकृत किया। हमने पोलैंड के शहर केटोविस में कोप 24 के दौरान पेरिस संधि (कथित नियमावलि) की कार्य योजना तैयार की।
जैसा कि महासभा का जनादेश है, मैंने 4 दिसंबर 2018 को मध्य आय वाले देशों पर एक दिवसीय उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की। इस बैठक के दौरान 2030 की कार्यसूची को लागू करने में मध्य आय वाले देशों की चुनौतियों से निपटने के लिए ठोस सिफारिशें की गईं। संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देशों में ऐसे देशों की संख्या दो तिहाई है।
पिछल सत्र के दौरान स्थापित श्रेष्ठ कार्य पद्धतियों के आधार पर मैंने राजनयिकों के साथ प्रातः संवाद की एक श्रृंखला की शुरुआत की है जोकि उन विषयगत मुद्दों पर केंद्रित है जिन्हें महासभा और संयुक्त राष्ट्र की चुनौतियां माना जाता है। इन बैठकों को अब मॉर्निंग मिंगा कहा जाता है जोकि सामुदायिक गतिविधियों की इक्वेडोरियन परंपरा का प्रतीक है।
मैंने 28 सह-समन्वयक और सह-अध्यक्ष नियुक्त किए जिनमें से लगभग 60% महिलाएं हैं। इनमें से लगभग सभी अपनी संबंधित प्रक्रियाओं पर पहले से सलाहकारों और अन्य हितधारकों के साथ काम कर रहे हैं। जल्द ही शेष प्रक्रियाओं के लिए भी सह-समन्वयकों को नियुक्त किया जाएगा।
मुझे यह कहते हुए प्रसन्नता हो रही है कि सह-समन्वयकों ने अपना कार्य करना शुरू कर दिया है। जैसे दक्षिण-दक्षिण समन्वय की प्रक्रिया ने प्रगति की है और इस हफ्ते के अंत (17 जनवरी) में जीरो ड्राफ्ट पर पहली मंत्रणा आयोजित की जाएगी। बापा+40 प्रक्रिया से जो परिणाम प्राप्त हुए, वे उच्च स्तरीय सप्ताह 2019 तक बहुपक्षीयता के प्रति हमारी सामूहिक प्रतिबद्धता का मजबूत संदेश देंगे।
हमारे पास अभी आठ महीने शेष हैं और इस दौरान हमें अपनी योजनाओं को आगे बढ़ाना होगा।
मैं 73वें सत्र की विषयवस्तु: ‘संयुक्त राष्ट्र को सभी लोगों के लिए प्रासंगिक बनाना: विश्वव्यापी नेतृत्व और शांतिपूर्ण, समतामूलक और सतत समाज के प्रति साझा जिम्मेदारियां’ में चिन्हित सात प्राथमिकताओं पर ध्यान केंद्रित करूंगी।
सबसे पहले, बहुपक्षीय नियम आधारित कार्य व्यवस्था को मजबूत करने के लिए संयुक्त राष्ट्र के पुनरुद्धार के साथ मैं अपनी बात की शुरुआत करूंगी।
बहुपक्षवाद के लिए उभरते हुए खतरे सहित गंभीर संकट से जूझती अशांत दुनिया की परिप्रेक्ष्य में हमें संयुक्त राष्ट्र चार्टर में निहित सिद्धांतों और मूल्यों के प्रति अपने लगाव को दोहराने की जरूरत है।
महासभा के 73वें सत्र की सामान्य बैठक में विश्व नेताओं ने संयुक्त राष्ट्र के पुनरुद्धार के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया और यह भी स्वीकार किया कि बहुपक्षवाद पर आधारित विश्व व्यवस्था के लिए संगठन की क्षमता का लाभ उठाया जाना चाहिए।
मैं इस बात पर सहमत हूं कि संयुक्त राष्ट्र को पुनर्जीवित करना और बहुपक्षीयवाद की दिशा में आगे बढ़ाना, साथ-साथ संभव है। सामान्य बैठक के दौरान कायम हुई राजनैतिक सक्रियता की मदद से मैं इस उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए न्यूयार्क और दूसरे स्थानों पर विश्व नेताओं से संवाद स्थापित कर रही हूं।
इस अभियान के अंग के रूप में 4 फरवरी को मैं महासभा के पूर्व अध्यक्षों के साथ एक बैठक भी करूंगी जिसकी विषयवस्तु होगी: ‘बहुपक्षीय नियम आधारित व्यवस्था के सशक्तीकरण हेतु संयुक्त राष्ट्र का पुनरुद्धार।’
इस पहल का उद्देश्य संयुक्त राष्ट्र के लिए सिफारिशें करना है जोकि लोगों के लिए प्रभावी तरीके से और कुशलतापूर्वक कार्य करे।
मैं 19 फरवरी को खाद्य और कृषि संगठन के सहयोग से महापौरों और अन्य हितधारकों के लिए भी एक बैठक की योजना तैयार कर रही हूं जिसकी विषयवस्तु होगी: ‘विश्वव्यापी मुद्दों से स्थानीय प्राथमिकताओं तक: सतत विकास, खाद्य सुरक्षा, पोषण और जलवायु परिवर्तन हेतु शहरों सहित विश्वव्यापी कार्यसूची में शहरों की भूमिका।’
प्रतिभागियों से यह अपेक्षा की जाएगी कि वे प्रभावी स्थानीय कार्य पद्धतियों, नवोन्मेषी रणनीतियों और जलवायु परिवर्तन, खाद्य सुरक्षा एवं कुपोषण सहित विश्वव्यापी चुनौतियों से निपटने के दौरान सीखे गए सबक को साझा करेंगे।
21-22 फरवरी को मैं ‘बहुपक्षीयता के लिए उभरती चुनौतियां: संसदीय प्रतिक्रिया’ जैसे विषय पर संयुक्त राष्ट्र की 2019 पार्लियामेंटरी हियरिंग के आयोजन में अंतर संसदीय संघ (आईपीयू) में भाग लूंगी।
इसके अतिरिक्त मैं सुरक्षा परिषद और इकोसॉक के अध्यक्षों के साथ समन्वय और सहयोग जारी रखूंगी। इस सिलसिले में मैं 31 अक्टूबर 2018 को उच्च स्तरीय संवाद की ओर ध्यान दिलाना चाहूंगी जिसमें महासभा, इकोसॉक और सुरक्षा परिषद के अध्यक्षों ने हिस्सा लिया था। इस बैठक की विषयवस्तु थी- ‘बहुपक्षीयता के प्रति नई प्रतिबद्धता।’ इस बैठक ने संयुक्त राष्ट्र के मुख्य निकायों के बीच, अपने संबंधित जनादेश के अंतर्गत, अधिक बेहतर समन्वय और बहुपक्षीयता को मजबूत करने के लक्ष्य का आह्वान किया।
मैं इसी सोच के साथ काम करना जारी रखूंगी और संयुक्त राष्ट्र के मुख्य निकायों की संयुक्त बैठकों का आयोजन करती रहूंगी।
इस संबंध में 31 जनवरी को मैं इकोसॉक के अध्यक्ष के साथ पहली अध्यक्ष स्तरीय संयुक्त ब्रीफिंग कर रही हूं। इसमें सदस्य देशों को सतत विकास की 2030 की कार्यसूची के संबंध में महासभा एवं इकोसॉक के अब तक के कार्यो के बारे में जानकारी दी जाएगी।
महासभा के प्रस्ताव 73/127 के अनुसार, अंतरराष्ट्रीय बहुपक्षीय दिवस को मनाने के लिए 24 अप्रैल 2019 को उच्च स्तरीय आयोजन किया जाएगा, जिसमें संयुक्त राष्ट्र के तीन स्तंभों- सतत विकास, शांति एवं सुरक्षा और मानवाधिकारों- जोकि आपस में जुड़े हुए और परस्पर सुदृढ़ हैं- की प्रगति को मजबूत बनाने में बहुपक्षीयता एवं कूटनीति की भूमिका पर विचार-विमर्श करने का अवसर प्राप्त होगा।
संयुक्त राष्ट्र के सशक्तीकरण और पुनरुद्धार के लिए महासभा का पुनरुद्धार, सुरक्षा परिषद का सुधार और सतत विकास की 2030 कार्यसूची के अनुरूप महासभा, इकोसॉक और उसके सहायक निकायों की कार्यसूची को तैयार करना भी महत्वपूर्ण है। मैं सह अध्यक्ष और सह समन्वयकों के साथ कार्य करूंगी ताकि यह सुनिश्चित हो कि सार्थक प्रगति हासिल हो रही है।
पहली प्राथमिकता पर अपनी बात समाप्त करते हुए मैं संयुक्त राष्ट्र की स्थापना की 75वीं वर्षगांठ के आगामी समारोहों के महत्व को रेखांकित करना चाहूंगी। इस समारोह के विषय, तिथि और अन्य तौर-तरीकों से संबंधित विवरण देने के लिए मैं आने वाले हफ्तों में एक सह समन्वयक को नियुक्त करूंगी।
अब मेरी दूसरी प्राथमिकता, जोकि शरणार्थियों और प्रवासियों पर नए विश्वव्यापी समझौते के कार्यान्वयन से संबंधित है। मराकेश में विश्वव्यापी समझौते और महासभा में इसकी संपुष्टि के बाद मैंने अंतरराष्ट्रीय प्रवास समीक्षा फोरम के व्यावहारिक तौर-तरीकों पर सदस्य देशों से सलाह के लिए दो सह-समन्वयकों को नियुक्त किया है। सदस्य देशों के लिए विश्वव्यापी समझौते के सभी पहलुओं के कार्यान्वयन पर चर्चा और उसकी प्रगति को साझा करने हेतु यह फोरम मुख्य अंतरसरकारी विश्वव्यापी मंच के रूप में कार्य करेगा।
जैसा कि महासभा का जनादेश है, मैं 27 फरवरी को अंतरराष्ट्रीय प्रवास और विकास पर उच्च स्तरीय बैठक का आयोजन करूंगी। अंतरराष्ट्रीय प्रवास पर एक सूचनापरक बहस, जोकि तथ्यों और आंकड़ों पर आधारित है, के महत्व के बारे में मैं लगातार जागरूकता फैलाऊंगी जिससे सदस्य देशों को अपनी नीतियां बनाने और विश्वव्यापी प्रवास समझौते के कार्यान्वयन में सहयोग देने में मदद मिलेगी।
हमें इस संबंध में जागरूकता फैलाने की भी जरूरत है कि शरणार्थियों के लिए उपयुक्त सहायता और संरक्षण को सुनिश्चित करना कितना महत्वपूर्ण है और यह भी सदस्य देशों को मिल-जुलकर उनका बोझ और जिम्मेदारी उठानी चाहिए।
मेरी तीसरी प्राथमिकता लैंगिक समानता और महिला सशक्तीकरण से संबंधित है। एक जेंडर चैंपियन के तौर पर मैं महासभा में लैंगिक समानता की दिशा में काम करने और उसके परिणामों में लैंगिक समानता सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हूं। इसकी शुरुआत मैं अपने कार्यालय से करती हूं जहां लैंगिक समानता एक यथार्थ है।
12 मार्च को मैं सीएसडब्ल्यू सत्र के हाशिए पर शक्तिशाली पदों पर महिलाओं जैसे विषय पर एक उच्च स्तरीय समारोह का आयोजन करूंगी, जोकि महिला नेतृत्व को प्रोत्साहन के प्रति समर्पित होगा। इस अवसर पर सरकारों, संयुक्त राष्ट्र व्यवस्था, निजी क्षेत्र और नागरिक समाज की प्रमुख शख्सियतें और वरिष्ठ नेता उपस्थित होंगे और महिला नेतृत्व से जुड़े अनुभवों को साझा करेंगे। यहां हम सभी को नामचीन महिलाओं की सफलताओं की अद्भुत कहानियां सुनने को मिलेंगी। इस बैठक में युवा महिला नेताओं को वर्तमान और भविष्य के नेताओं के साथ संवाद स्थापित करने का अंतरराष्ट्रीय मंच प्राप्त होगा।
इसके अतिरिक्त मैंने लैंगिक समानता की दिशा में काम करने वाले लोगों का एक समूह भी गठित किया है जोकि प्रतिष्ठित शख्सियतों का एक अनौपचारिक फोरम है। ये अलग-अलग पृष्ठभूमि वाले लोग हैं और लैंगिक समानता को गति देने का एक समान लक्ष्य रखते हैं। 29 जनवरी को संयुक्त राष्ट्र प्रतिष्ठान के सहयोग से मैं इस समूह की पहली बैठक आयोजित करूंगी। इस बैठक में उन अवरोधों को चिन्हित करने का मौका मिलेगा जिनके कारण महिलाओं को सार्वजनिक और निजी क्षेत्रों में भागीदारी करने और नेतृत्व वाले पदों पर पहुंचने का मौका नहीं मिलता। बैठक में महिला सशक्तीकरण को गति देने के लिए श्रेष्ठ पद्धतियों को साझा करने का भी मौका मिलेगा।
चौथा, उत्कृष्ट श्रम के अवसरों के सृजन से संबंधित प्राथमिकता के अंतर्गत हमें सतत विकास पर उच्च स्तरीय राजनैतिक फोरम (एचएलपीएफ) में एसडीजी 8 की समीक्षा की दिशा में तेजी से कार्य करना होगा जोकि जुलाई में इकोसॉक के तत्वावधान में आयोजित की गई थी, साथ ही अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन (आईएलओ) के शताब्दी समारोह का आयोजन करना होगा।
आईएलओ और इकोसॉक के सहयोग से मैं 10 अप्रैल को ‘उत्कृष्ट श्रम के लिए भविष्य के कार्य’ पर उच्च स्तरीय समारोह का आयोजन करूंगी। इससे पहले 9 अप्रैल को इकोसॉक युवा फोरम के परिप्रेक्ष्य में उत्कृष्ट श्रम और युवा, शांति और सुरक्षा के बीच के संबंधों पर एक टाउन हॉल का आयोजन भी किया जाएगा।
मेरी पांचवी प्राथमिकता पर्यावरण के संरक्षण से संबंधित है। इस परिप्रेक्ष्य में 2019 एक निर्णायात्मक वर्ष होगा, चूंकि हम 2030 की कार्यसूची के पहले मील के पत्थर के करीब हैं।
मैं जलवायु और पर्यावरण के लिए सामूहिक रूप से कार्य करने के लिए सभी हितधारकों को प्रोत्साहित करती रहती हूं। हमें जलवायु परिवर्तन की पहल को ऐसे अवसर के रूप में देखना चाहिए जो मनुष्य जाति के लिए एक बेहतर भविष्य का निर्माण करेगा और अधिक हरित, स्वच्छ और सतत विश्व की रचना करे।
केटोविस में कोप 24 के परिणामों के कारण पेरिस संधि के कार्यान्वयन के लिए सफलतापूर्वक रोडमैप तैयार हुआ है। यूं पेरिस संधि को मजबूत करने के अतिरिक्त कोप ने ऐसे उपाय भी सुझाए हैं जो इस संधि को लागू करने के अतिरिक्त दूसरे कार्य भी करते हैं। यह प्रदर्शित करता है कि विश्व के नेता अस्तित्व संबंधी मुद्दे के अतिरिक्त बहुपक्षीयता को भी महत्व दे रहे हैं।
यह पहले भी कहा जा चुका है कि जलवायु परिवर्तन की गति हमारे प्रयासों से भी तेज है, लेकिन हम फिर भी पेरिस लक्ष्यों को हासिल करने की उचित दिशा की तरफ नहीं बढ़ रहे। ग्लोबल वॉर्मिंग के खतरनाक स्तर के निवारण के लिए अभी बहुत कुछ किया जाना बाकी है।
जैसा कि महासभा का जनादेश है, 28 मार्च को मैं एक उच्च स्तरीय बैठक का आयोजन कर रही हूं जोकि 2030 की कार्यसूची के परिप्रेक्ष्य में मानव जाति की वर्तमान और भावी पीढ़ी हेतु विश्वव्यापी जलवायु संरक्षण पर केंद्रित होगी। इस बैठक से कोप 24 को गति मिलेगी और सितंबर 2019 में महासचिव की अध्यक्षता में आयोजित जलवायु शिखर सम्मेलन का मार्ग प्रशस्त होगा। 14 फरवरी को मैं जलवायु शिखर सम्मेलन पर महासचिव के विशेष प्रतिनिधि के साथ एक संयुक्त ब्रीफिंग भी करूंगी जिसमें शिखर सम्मेलन की तैयारियों का रोडमैप प्रस्तुत किया जाएगा।
मेरी पर्यावरणीय पहल का एक दूसरा उल्लेखनीय पहलु ‘प्लास्टिक प्रदूषण’ से संबंधित है। इस संबंध में मैं मिशंस के भीतर और संयुक्त राष्ट्र के कार्यालयों में प्लास्टिक के एकल इस्तेमाल को कम करके प्लास्टिक प्रदूषण के मुद्दे पर ‘वॉकिंग द टॉक’ में आपकी भागीदारी की सराहना करूंगी।
इस पहल के अंतर्गत मैं इस वर्ष के आरंभ में महासभा के प्रस्ताव 71/228 के अनुच्छेद 14 के कार्यान्वयन और सचिवालय व्यापी कार्यों और संबद्ध केंद्रों के प्रबंधनों में सतत विकास कार्य पद्धतियों के एकीकरण के लिए महासचिव द्वारा प्रस्तुत कार्रवाई योजना पर एक ब्रीफिंग की मेजबानी करूंगी।
हममें से प्रत्येक को प्लास्टिक प्रदूषण को रोकने के लिए काम करना होगा। इस सामूहिक प्रयास में मैं भी अपना योगदान दे रही हूं। 27 अप्रैल 2019 को एंटिगुआ एवं बारबुडा तथा नार्वे की सरकार के सहयोग के साथ एक महोत्सव का आयोजन किया जाएगा।
इसी दौरान एंटिगुआ एवं बारबुडा में वार्षिक ‘सेलिंग वीक’ का आयोजन भी किया जाता है। इसी के मद्देनजर इस द्वीपीय देश में महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। इस पहल का उद्देश्य जागरूकता फैलाना, सफलता का जश्न मनाना और प्लास्टिक प्रदूषण को कम करने की दिशा में कार्य करना है।
छठी प्राथमिकता विकलांग जन के अधिकारों से संबंधित है। मुझे यह सूचना देते हुए प्रसन्नता हो रही है कि अंतरराष्ट्रीय विकलांग जन दिवस के अवसर पर 2018 में संयुक्त राष्ट्र में सुगमता पर परिचालन समिति का गठन किया गया था।
इस परिचालन समिति का उद्देश्य संयुक्त राष्ट्र परिसर में विकलांग जन के लिए सुगमता को प्रोत्साहित करना है।
मैं इस महीने विकलांग जन के अधिकारों पर केंद्रित समझौते के सार्वभौमिक अनुसमर्थन के लिए अभियान की शुरुआत कर रही हूं। इसके अतिरिक्त जून में मैं विकलांग जन पर उच्च स्तरीय समारोह की मेजबानी भी करूंगी। विकलांग जन के अधिकारों को बढ़ावा देने के हमारे प्रयासों में सदस्य देशों तथा अन्य संगठनों एवं हितधारकों का सहयोग बहुत महत्वपूर्ण है।
अंतिम, पर किसी मायने में पूर्ववत से कम नहीं, मेरी सातवीं प्राथमिकता शांति और सुरक्षा से संबंधित है। मैं संघर्षों को रोकने, शांति और सतत विकास से संबंधित मुद्दों पर चर्चा को बढ़ावा देने के लिए सभी जनादेश और समारोहों का इस्तेमाल करूंगी ताकि अधिक शांतिपूर्ण और अनुकूल समाज का निर्माण हो और इसमें युवाओं की केंद्रीय भूमिका हो।
ऐसा ही 24 सितंबर को नेल्सन मंडेला शांति शिखर सम्मेलन के दौरान हुआ था। मैंने अक्टूबर 2018 में अफ्रीका पर विशेष सलाहकार कार्यालय द्वारा आयोजित अफ्रीकी संवाद श्रृंखला 2018 में भी सक्रिय रूप से शामिल थी। इस आयोजन की विषयवस्तु थी- ‘अफ्रीका में शांति, सुरक्षा एवं विकास हेतु सशक्त एयू-यूएन भागीदारी।’
13 सितंबर 2019 को मैं शांति की संस्कृति पर एक उच्च स्तरीय बैठक का आयोजन करूंगी। यह बैठक शांति की संस्कृति के घोषणापत्र और कार्रवाई कार्यक्रम की स्वीकृति की बीसवीं वर्षगांठ के उपयुक्त एवं उचित अनुपालन पर विशेष ध्यान देने का अवसर प्रदान करेगी।
मुझे प्रस्ताव 73/186 द्वारा अधिदेश प्राप्त है कि मैं यूएनओडीसी के सहयोग से अपराध निवारण और आपराधिक न्याय से संबंधित पहल को मजबूत करने और उसका कार्यान्वयन करने के लिए क्षेत्रीय संगठनों की भूमिका पर उच्च स्तरीय बैठक का आयोजन करूं।
अपनी बात समाप्त करने से पहले मैं सतत विकास के लिए 2030 की कार्यसूची पर विशेष ध्यान आकर्षित करना चाहती हूं जोकि बहुपक्षीयता की सफलता की आधारशिला है।
एसडीजीज़ को हासिल करने के लिए मुख्य शर्तों में एक यह है कि उसके लिए व्यापक समझदारी विकसित की जाए और उसे अधिक सहयोग प्रदान किया जाए। महासभा के 73वें सत्र की विषयवस्तु और प्राथमिकताओं से यह गतिशीलता प्रदर्शित होती है।
इसी परिप्रेक्ष्य में मैंने अपने सभी कार्यक्रमों में सभी लोगों के लिए 2030 की कार्यसूची के महत्व को रेखांकित किया है।
मैं आपका ध्यान इस ओर आकर्षित करना चाहती हूं कि सितंबर 2019 में 74वें सत्र के दौरान महासभा के तत्वावधान में पहली बार सतत विकास पर उच्च स्तरीय राजनैतिक फोरम (एचएलपीएफ) का आयोजन (एचएलपीएफ शिखर सम्मेलन) किया जाएगा।
महासभा के प्रस्ताव 70/299 का यह जनादेश है कि इकोसॉक के तत्वावधान के अंतर्गत एचएलपीएफ को जुलाई में आयोजन किया जाएगा और एचएलपीएफ शिखर सम्मेलन को ‘परस्पर समन्वय सुनिश्चित करने और परस्पर सुदृढ़ संबंध कायम करने के लिए समन्वित किया जाएगा।’ दोनों बैठकों का परिणाम ‘केवल एक राजनैतिक घोषणापत्र होना चाहिए जिसमें फोरम के दोनों सत्रों के भिन्न और पूरक कार्य शामिल होंगे।’ इकोसॉक में आयोजित वित्त फोरम और जिसके परिणाम एचएलपीएल शिखर सम्मेलन के परिणामों को पोषित करेंगे, महासभा तथा इकोसॉक एवं महासभा के कार्यों को बीच समन्वय स्थापित करने के अवसर प्रदान करेगी।
एचएलपीएफ प्रक्रियाओं और वित्त फोरम के सत्रों के बीच सुसंगति और सहयोग सुनिश्चित करने के लिए मैं इकोसॉक के अध्यक्ष और सह-समन्वयकों के साथ काम कर रही हूं।
हमें यह सुनिश्चित करने के भी प्रयास करने हैं कि महासभा की उच्च स्तरीय बैठकें, जोकि 74वें सत्र के उच्च स्तरीय सप्ताह के दौरान आयोजित की जाएंगी, एचएलपीएफ, एफएफडी, सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज, परमाणु हथियारों की समूची समाप्ति और समोआ पाथवे, सुसंगत और सहक्रियाशील तरीके से आयोजित की जाएं। हम समयबद्ध तरीके से सभी जरूरी तैयारियां करेंगे।
मैं सदस्य देशों और न्यूयार्क स्थित प्रतिनिधियों को धन्यवाद कहना चाहूंगी जिन्होंने संयुक्त राष्ट्र, उसकी संसद और महासभा के मूल्यों को प्रति अपना समर्पण प्रदर्शित किया है। सत्र के मुख्य भाग में हमारी उपलब्धियां सामूहिक प्रयास, प्रतिबद्धता और कड़ी मेहनत का परिणाम हें जिसमें आप सभी भागीदार हैं। इसके लिए मैं आपका धन्यवाद देना चाहती हूं। अगले नौ महीनों की कार्यसूची के लिए यही भावना महत्वपूर्ण है। इस महासभा के अध्यक्ष के रूप में मैं आपकी आभारी हूं और आपके सहयोग की अभिलाषी हूं।
आपके मनोयोग के लिए धन्यवाद।