संयुक्त राष्ट्र महासभा अध्यक्ष द्वारा
शांति के लिए बहुपक्षीयता एवं कूटनीति हेतु अंतरराष्ट्रीय दिवस
24 अप्रैल 2019
संयुक्त राष्ट्र महासचिव अंटोनियो गुटेरेश का संदेश
शांति के लिए बहुपक्षीयता एवं कूटनीति का पहला अंतरराष्ट्रीय दिवस इस बात को रेखांकित करता है कि समान हित के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग कितना महत्वपूर्ण है। लगभग 75 वर्षों से द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद स्थापित बहुपक्षीय व्यवस्थाओं ने जिंदगियां बचाई है, आर्थिक एवं सामाजिक प्रगति को व्यापक बनाया है, मानवाधिकारों की रक्षा की है और विश्वव्यापी टकराव के परिणामस्वरूप तीसरे युद्ध की आशंकाओं का निवारण किया है। अंतरराष्ट्रीय कानून को स्पष्ट करने से लेकर स्त्री-पुरुष समानता को बढ़ावा देने, पर्यावरण संरक्षण से लेकर घातक हथियारों के प्रसार को कम करने तक, बहुपक्षीयता और कूटनीति ने सभी स्थानों पर लोगों की मदद की है।
लेकिन इस सहयोग का सही मूल्य समझा जाना चाहिए। हम इस पहले अंतरराष्ट्रीय दिवस को उस दौर में मना रहे हैं जब विश्व में संघर्षों से बहुपक्षीयता प्रभावित हो रही है, जलवायु परिवर्तन की रफ्तार तेज है और असमानताएं एवं दूसरे खतरे बढ़ रहे हैं। नई तकनीक विविध अवसरों का सृजन तो कर रही है लेकिन रोजगार बाजार और सामाजिक सामंजस्य में अवरोध पैदा होने की आशंका है और हमें अपने अधिकारों का उपयोग करने में समस्याएं आ सकती है। हम विरोधाभासों के बीच जी रहे हैं: विश्वव्यापी चुनौतियां परस्पर संबद्ध हैं, लेकिन हमारी प्रतिक्रियाएं अधिक खंडित हो रही हैं। हम देख रहे हैं कि सरकारों, राजनीतिक व्यवस्थाओं और अंतरराष्ट्रीय संगठनों से लोगो का भरोसा कम हो रहा है और राष्ट्रवादी विचारों एवं लोकलुभावने नेतृत्व के प्रति आकर्षण बढ़ रहा है। यह वर्तमान दौर की एक खतरनाक चुनौती है जिसके लिए सामूहिक कार्रवाई करना आवश्यक है।
इस कठिन दौर में हमें संयुक्त राष्ट्र के संस्थापकों द्वारा अनूभत तात्कालिकता को समझने और संगठन को दोबारा सशक्त करने की आवश्यकता है। हमें एकजुट होकर कार्य करना जारी रखना चाहिए लेकिन तेजी से बदलते विश्व को भी ध्यान में रखना चाहिए। हमें नियम आधारित व्यवस्था के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहरानी होगी जिसके केंद्र में संयुक्त राष्ट्र हो। हमें विकास बैंकों सहित अंतरराष्ट्रीय और क्षेत्रीय संगठनों के बीच घनिष्ठ सहयोग के साथ बहुपक्षीयता की आवश्यकता है। चूंकि सरकारें और अंतरराष्ट्रीय संगठन अकेले ऐसा नहीं कर सकते हैं इसलिए हमें एक समावेशी बहुपक्षवाद की आवश्यकता है जिसमें विशेष रूप से युवा सहित व्यापारिक समुदाय, नागरिक समाज, संसद, शैक्षणिक और परोपकारी समुदाय और अन्य हितधारक शामिल हैं।
लेकिन बहुपक्षीयता के गुण गाना पर्याप्त नहीं है, हमें इसके महत्व को साबित करना होगा। न ही इस पर संशय करने वालों को खारिज किया जाना चाहिए, हमें यह साबित करना होगा कि बहुपक्षीयता विश्वस्तरीय उद्विग्नता को शांत कर सकती है और ऐसे निष्पक्ष भूमंडलीकरण की स्थापना कर सकती है जिसमें सभी का भला हो।
संयुक्त राष्ट्र चार्टर ऐसे मार्ग को प्रशस्त करता है जिसमें अच्छे पड़ोसी के रूप में रहने वाले लोगों और देशों का दृष्टिकोण शामिल है तथा जिसमें सार्वभौमिक मूल्यों की रक्षा की जाती है और इस बात को स्वीकार किया जाता है कि हम सबका भविष्य एक समान है। बहुपक्षवाद को मजबूत करने का अर्थ है टिकाऊ विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने और भविष्य की पीढ़ियों के लिए अधिक सुरक्षित विश्व की स्थापना के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को दोहराना। संयुक्त राष्ट्र की ओर से, विश्व के नेताओं और लोगों की ओर से- इस प्रतिबद्धता की पहले से भी अधिक जरूरत है।