संयुक्त राष्ट्र प्रेस विज्ञप्ति
जलवायु परिवर्तन से सतत् विकास लक्ष्यों की प्रगति खतरे में- संयुक्त राष्ट्र रिपोर्ट की चेतावनी
पिछले चार वर्षों में सतत् विकास लक्ष्यों के तहत कुछ क्षेत्रों में प्रगति हुई है, किन्तु भारी चुनौतियां मौजूद हैं
न्यूयॉर्क, 9 जुलाई, 2019 : जलवायु परिवर्तन और देशों के भीतर बढ़ती असमानता के कारण सतत् विकास एजेंडा की प्रगति में बाधा आ रही है। सतत् विकास लक्ष्यों पर संयुक्त राष्ट्र की ताज़ा रिपोर्ट में चेतावनी दी गई है कि इससे पिछले दशकों में लोगों के जीवन में सुधार लाने वाली बहुत सी उपलब्धियों का रुख पलटने का ख़तरा पैदा हो गया है।
सतत् विकास पर संयुक्त राष्ट्र के उच्च स्तरीय राजनीतिक मंच की वार्षिक समीक्षा बैठक के पहले दिन जारी ये रिपोर्ट नवीनतम उपलब्ध आंकड़ों पर आधारित है। 17 सतत् विकास लक्ष्यों के क्रियान्वयन की दिशा में हुई प्रगति मापने और खामियों को पहचाने का ये मूल दस्तावेज़ है।
पृथ्वी को अधिक निष्पक्ष और स्वस्थ बनाने के उद्देश्य से विश्व ने सतत् विकास लक्ष्यों के रूप में जो रूप-रेखा अपनाई थी उसे चार वर्ष बीत चुके हैं। रिपोर्ट के अनुसार कुछ क्षेत्रों में प्रगति हुई है जैसे गरीबी में कमी आई है, टीकाकरण का व्यापक प्रसार हुआ है, बाल-मृत्यु दरों में कमी आई है और जनता के लिए बिजली की सुलभता बढ़ी है। किन्तु रिपोर्ट में चेतावनी दी गई है कि वैश्विक स्तर पर कार्रवाई उतनी महत्वाकांक्षी नहीं रही है, जितनी होनी चाहिए थी। इससे ख़ासतौर पर सबसे कमज़ोर वर्ग और देश, सबसे अधिक कष्ट उठाने पर मजबूर हैं।
रिपोर्ट के प्रमुख निष्कर्ष हैं :
· देशों के बीच और उनके भीतर बढ़ती असमानता पर तत्काल ध्यान देना होगा। दुनिया में तीन/चौथाई बौने बच्चे दक्षिणी एशिया और अफ्रीका में सहारा के दक्षिणी हिस्सों में रहते हैं; निपट गरीबी शहरी क्षेत्रों की तुलना में ग्रामीण क्षेत्रों में तीन गुणा अधिक है; वयस्कों की तुलना में युवाओं के बेरोजगार रहने की आशंका अधिक है; गंभीर विकलांगता के शिकार सिर्फ एक/चौथाई लोग ही विकलांगता पेंशन ले पाते हैं; और महिलाओं तथा लड़कियों के सामने बराबरी हासिल करने में अब भी बाधाएं हैं।
· वर्ष 2018 रिकॉर्ड में दर्ज चौथा सबसे गर्म वर्ष था। कॉर्बन-डाइऑक्साइड जमा होने का स्तर 2018 में बढ़ता रहा। महासागरों के जल में अम्लीयता (ocean acidity),
औद्योगिकरण-पूर्व काल की तुलना में 26 प्रतिशत अधिक है और यदि कॉर्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन वर्तमान दर से होता रहा तो वर्ष 2100 तक इसमें 100 प्रतिशत से 150 प्रतिशत तक की वृद्धि होने का अनुमान है।
· निपट गरीबी में जीते लोगों की संख्या 1990 में 36 प्रतिशत थी, जो 2018 में घट कर 8.6 प्रतिशत रह गई, लेकिन चूंकि दुनिया गहरी वंचना, हिंसक संघर्षों और प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए जूझ रही है, उससे गरीबी उन्मूलन की गति धीमी होती जा रही है।
· लंबे समय तक गिरावट के बाद दुनिया में भुखमरी फिर बढ़ने लगी है।
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेश ने कहा, ”अब यह बिल्कुल स्पष्ट हो गया है कि हमारे 2030 लक्ष्यों को हासिल करने के लिए जरूरी सामाजिक और आर्थिक कायाकल्प तभी हो सकता है, जब अधिक गहरी, त्वरित और अधिक महत्वाकांक्षी कार्रवाई की जाए।”
प्रगति का अभाव विशेष रूप से पर्यावरण से जुड़े लक्ष्यों जैसे जलवायु कार्रवाई और जैव-विविधता में अधिक स्पष्ट दिखाई पड़ता है। संगठन द्वारा हाल में जारी कुछ अन्य प्रमुख रिपोर्टों में भी जैव-विविधता के लिए अभूतपूर्व ख़तरे1 की चेतावनी दी गई है और दुनिया में तापमान वृद्धि को औद्योगीकरण पूर्व स्तरों2 से 1.5 डिग्री सेल्सियस ऊपर तक सीमित रखने की तत्काल आवश्यकता बताई गई है।
महासचिव ने यह भी कहा कि, ”पर्यावरण की हालत में चिंताजनक दर से ख़राबी आ रही है; समुद्र का जल स्तर बढ़ रहा है; महासागरों का अमलीकरण तेजी से हो रहा है; पिछले चार वर्ष सबसे गर्म रिकॉर्ड हुए हैं; पौधों और जीवों की 10,000,00 प्रजातियां लुप्त होने की कगार पर हैं; और भूमि क्षय बेरोक-टोक जारी है।”
पर्यावरण की बिगड़ती हालत का असर लोगों के जीवन पर पड़ रहा है। मौसम की अति विपरीत परिस्थितियां, अधिक जल्दी-जल्दी और गंभीर प्राकृतिक आपदाएं तथा पारिस्थितिकी प्रणालियों का चरमरा जाना खाद्य असुरक्षा बढ़ा रहा है और जल सुरक्षा एवं स्वास्थ्य पर अधिक विपरीत
असर डाल रहा है। इसके कारण अनेक समुदाय गरीबी, विस्थापन और बढ़ती असमानता का कष्ट झेलने पर मजबूर हैं।
आर्थिक एवं सामाजिक कार्यों के लिए संयुक्त राष्ट्र के अवर महासचिव ल्यू झेनमिन ने सावधान किया कि जलवायु परिवर्तन पर निर्णायक कार्रवाई करने का वक्त हाथ से निकलता जा रहा है। उन्होंने इन भारी वैश्विक चुनौतियों का सामना करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय सहयोग एवं बहुपक्षीय कार्रवाई मजबूत करने के महत्व पर बल दिया।
ल्यू झेनमिन ने कहा, ”इस रिपोर्ट में उजागर चुनौतियां वैश्विक समस्याएं हैं जिनके लिए वैश्विक समाधान खोजने जरूरी हैं जिस तरह समस्याएं परस्पर जुड़ी हुई हैं उसी तरह गरीबी, असमानता, जलवायु परिवर्तन और अन्य वैश्विक चुनौतियों के समाधान भी परस्पर जुड़े हुए हैं।”
तमाम ख़तरों के बावजूद रिपोर्ट में बताया गया है कि सभी लक्ष्यों के बीच परस्पर संबंध का फायदा उठाकर प्रगति की रफ्तार बढ़ाने के मूल्यवान अवसर मौजूद हैं। उदाहरण के लिए ग्रीन हाउस गैस उत्सर्जन में कमी लाने का काम, रोजगार पैदा करने, अधिक रहने लायक शहरों का निर्माण करने और सबके लिए स्वास्थ्य एवं संपन्नता सुधारने के साथ-साथ हो सकता है।
सितम्बर में संयुक्त राष्ट्र महासभा का 74वां सत्र, उच्च स्तरीय चर्चा के दौरान अन्य महत्वपूर्ण बैठकों के साथ-साथ सतत् विकास लक्ष्य और जलवायु कार्रवाई शिखर सम्मेलन की मेज़बानी करेगा, जिससे विश्व नेताओं और वैश्विक समुदाय को नई ऊर्जा मिले और जनता तथा पृथ्वी के हित में सेवा प्रदान करने के दशक की शुरुआत हो और विश्व फिर सही दिशा में आगे बढ़ सके।
पूरी रिपोर्ट डाउनलोड करने के लिए कृपया देखें : https://unstats.un.org/sdgs
1. आईपीबीईएस,नेचर्स डेंजरस डिक्लाइन अनप्रिसडेन्ट मीडिया रिलीज़ः : http://bit.ly/BiodiversityReport
2. आईपीसीसी, स्पेशल रिपोर्ट ऑन ग्लोबल वार्मिंग ऑफ 1.5 डिग्री से. , प्रेस विज्ञप्ति, 8 अक्तूबर 2018 : http://bit.ly/IPCCSummary
सतत विकास लक्ष्य रिपोर्टों के बारे में
वार्षिक रिपोर्टों से अब तक के विश्व क्रियान्वयन प्रयासों की झलक मिलती है, प्रगति के क्षेत्र उजागर होते हैं और यह पता लगता है कि कहां-कहां और कार्रवाई किए जाने की आवश्यकता है।
संयुक्त राष्ट्र का आर्थिक एवं सामाजिक कार्य विभाग, अंतर्राष्ट्रीय एवं क्षेत्रीय संगठनों तथा संयुक्त राष्ट्र तंत्र की एजेंसियों, निधियों और कार्यक्रमों से प्राप्त जानकारी के आधार पर यह रिपोर्ट तैयार करता है। अनेक राष्ट्रीय सांख्यिकीय विशेषज्ञ, समाज के विशेषज्ञ और विद्वतजन यह रिपोर्ट तैयार करने में योगदान करते हैं।
अधिक जानकारी के लिए कृपया देखें : https://unstats.un.org/sdgs/
उच्च स्तरीय राजनीतिक मंच का परिचय :
सतत् विकास लक्ष्यों के क्रियान्वयन के बारे में इस सबसे बड़े वार्षिक समागम को वार्षिक उच्च स्तरीय राजनीतिक मंच कहा जाता है जिसमें समाज के विभिन्न क्षेत्रों की प्रमुख हस्तियां एकजुट होती हैं। इस वर्ष संयुक्त राष्ट्र आर्थिक एवं सामाजिक परिषद 9 से 18 जुलाई तक इस मंच का आयोजन करेगी। मंत्री स्तरीय बैठक 16 से 18 जुलाई तक होगी। मंच की इस बैठक में 10 दिन तक 80 से अधिक मंत्री हिस्सा लेंगे और करीब 160 अन्य आयोजन होंगे।
अधिक जानकारी के लिए कृपया देखें : : https://sustainabledevelopment.un.org/hlpf
मीडिया संपर्क
संयुक्त राष्ट्र वैश्विक संचार विभाग
देवी पलानीवेलु |+1 917 495 5424 | palanivelu@un.org
संयुक्त राष्ट्र आर्थिक एवं सामाजिक कार्य विभाग
योंगयि मिन | +1 212 963 9293 | min3@un.org