अपने पहले मुख्य संबोधन में संयुक्त राष्ट्र महासभा की अध्यक्ष मारिया फर्नांडा एस्पिनोसा ने कहा कि शांतिपूर्ण, समतामूलक और स्थायी समाज को सुनिश्चित करने के लिए विश्वस्तरीय नेतृत्व की जरूरत है। बहुमुखी विकास के लिए ऐसा नेतृत्व उनके कार्यों को आधार देगा। गौरतलब है कि सुश्री एस्पिनोसा 193 सदस्य वाली महासभा के 73 वें सत्र को संबोधित कर रही थीं।
उन्होंने आगे कहा, ‘आइए हम सब मिलकर कदम बढ़ाएं और ऐसी दुनिया का निर्माण करें जो समतामूलक, स्थायी और स्वतंत्र हो, जहां सबका सम्मान किया जाए, जो अधिक समावेशी और सहयोगपरक हो।’
सुश्री एस्पिनोसा को जून में महासभा की अध्यक्ष चुना गया था। उन्होंने मिरोस्लाव लाजकाक का स्थान लिया है जो इससे पूर्व 72वें सत्र के अध्यक्ष थे। संयुक्त राष्ट्र के इतिहास में अध्यक्ष पद हासिल करने वाली वह चौथी और लैटिन अमेरिका एवं कैरेबियन क्षेत्र की पहली महिला हैं।
अपने संबोधन में सुश्री एस्पिनोसा ने सात प्राथमिकताओं को रेखांकित किया जिन्हें उन्होंने सदस्य देशों के सलाह-मशविरे के बाद तैयार किया है। उन्होंने कहा कि इन प्राथमिकताओं से मौजूदा सत्र का स्वरूप तैयार होगा, लैंगिक समानता को बढ़ावा मिलेगा, प्रवास एवं शरणार्थियों से संबंधित नए विश्वव्यापी समझौतों को प्रोत्साहन मिलेगा और उन्हें लागू किया जाएगा, उत्कृष्ट श्रम के लिए जन समर्थन जुटाया जाएगा, पर्यावरण की सुरक्षा होगी, विकलांग लोगों के अधिकारों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा, संयुक्त राष्ट्र सुधार प्रक्रिया को सहयोग मिलेगा और संवाद कायम होगा।
सुश्री एस्पिनोसा ने कहा, ‘मैं इस बात के लिए भी तैयार हूं कि आपात स्थितियों में संयुक्त राष्ट्र महासभा तत्काल और प्रभावी प्रतिक्रिया दे।’ इसके बाद उन्होंने कहा, ‘दुर्भाग्य से, ऐसी स्थितियां उत्पन्न होंगी ही।’
अपने संबोधन के समापन पर उन्होंने संकल्प लिया कि वह अच्छी परंपराओं का पालन करेंगी। साथ ही, भौगोलिक प्रतिनिधित्व, लैंगिक समानता और प्रशासनिक एवं वित्तीय प्रबंधन में पारदर्शिता सुनिश्चित करेंगी।
उन्होंने आश्वासन दिया कि वह महासभा के अध्यक्ष के लिए निश्चित आचार संहिता में दर्ज ‘पूरी जिम्मेदारी’ निभाएंगी और संयुक्त राष्ट्र चार्टर एवं महासभा की कार्यविधि के नियमों की अवधारणा का सख्ती से पालन करेंगी।
महासभा अंतरराष्ट्रीय सहयोग का प्रदर्शन करे, विश्व को इसकी आवश्यकता है- संयुक्त राष्ट्र प्रमुख गुटेरेस
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने भी नई महासभा को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने सुश्री एस्पिनोसा को बधाई दी और उन तमाम महत्वपूर्ण मुद्दों को रेखांकित किया जिन पर काम किया जाना है।
श्री गुटेरेस ने कहा, ‘हमें शांतिसेना के अभियानों, लैंगिक समानता, 2030 की कार्यसूची (सतत विकास के लिए), युवाओं के सशक्तीकरण, गरीबी और संघर्षों को समाप्त करने के लिए तत्काल कार्रवाई करने की जरूरत है।’ उन्होंने विश्व के नेताओं का आह्वान किया और कहा कि वे सोमवार से प्रारंभ होने वाले उच्चस्तीय सप्ताह में शिरकत करें और ‘विश्वस्तरीय चुनौतियों से निपटने के लिए साहसिक कदम उठाएं एवं समाधान सुझाएं।’
महासचिव ने अंतरराष्ट्रीय सहयोग और महासभा द्वारा एकजुट होकर काम करने के असली महत्व पर बल दिया।
उन्होंने कहा, ‘सचिवालय और मैं, आपको सहयोग देने के लिए कटिबद्ध हैं।’