25 सितंबर 2018 को न्यूयार्क में एक्शन फॉर पीसकीपिंग पर आयोजित उच्च स्तरीय बैठक में संयुक्त राष्ट्र महासचिव अंटोनियो गुटेरेस ने निम्नलिखित टिप्पणियां कीं:
एक्शन फॉर पीसकीपिंग पर आयोजित उच्च स्तरीय बैठक में मैं आपका सबका स्वागत करता हूं। यह संयुक्त राष्ट्र शांति अभियानों की सतरहवीं वर्षगांठ का अवसर भी है।
पिछले वर्ष मैं मध्य अफ्रीकी गणराज्य के शहर बंगासाऊ गया था और वहां मैंने मोरक्को तथा कंबोडिया के हताहत शांति सैनिकों को श्रद्धांजलि भी दी थी। यह दिल को छू देने वाला अनुभव था। मैं प्रत्येक शांति सैनिक की मृत्यु पर शोकग्रस्त हो जाता हूं। आइए इस क्षण हम उन सैनिकों की स्मृति में मौन धारण करें जिन्होंने कर्तव्य पथ पर अपनी जान की बाजी लगा दी। (शांति पूर्ण क्षण)
पिछले वर्ष संयुक्त राष्ट्र के महासचिव का पद संभालने के बाद मैं इस सच्चाई से रूबरू हुआ कि दुनिया में अमन-चैन कायम करने के दौरान बड़ी संख्या में शांति सैनिक अपनी जान गंवा देते हैं। तब तुरंत ही मैंने शांति सैनिकों की सुरक्षा में सुधार हेतु क्रूज रिपोर्ट को कमीशन किया।
इस वर्ष मार्च में मैंने एक्शन फॉर पीसकीपिंग इनीशिएटिव की शुरुआत की, जो व्यापक संदर्भ में क्रूज रिपोर्ट की सिफारिशों को अमल में लाती है।
शांति सैनिक प्रतिकूल परिस्थितियों में जटिल संघर्षों से जूझते हैं। उन्हें उन शांति प्रक्रियाओं के बीच काम करना होता है जिन्हें तहस-नहस किया जा रहा है। विभिन्न देशों की सीमाओं से परे और संगठित अपराध के बीच- वे सभी परिस्थितियों में मुस्तैद रहते हैं।
लेकिन मैं समझता हूं कि उन्हें हर परिस्थिति में जिस एक चुनौती का सामना हमेशा करना ही पड़ता है, वह है शांति की आकांक्षा और वास्तविकता के बीच का अंतर।
हम शांति की आकांक्षा तो करते हैं, लेकिन वास्तविकता दूसरी तरफ ही इशारा करती है।
एक्शन फॉर पीसकीपिंग का उद्देश्य इस अंतर को तीन तरीके से कम करना है। पहला, शांति अभियानों की अपेक्षा तो रखें लेकिन उसका आधार वास्तविकता हो। दूसरा, अपने मिशन को मजबूत और सुरक्षित रखना, और तीसरा, उच्च स्तर के हथियारों से लैस, सुप्रशिक्षित सैन्य बलों तथा समस्या के समाधानों के लिए राजनैतिक समर्थन जुटाना।
मैं इस बात से अति प्रसन्न हूं कि 146 सरकारों, जिनमें पूर्व और वर्तमान के अनेक मेजबान देश शामिल हैं, और चार क्षेत्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय संगठनों ने संयुक्त राष्ट्र शांति अभियान की साझा प्रतिबद्धता से संबंधित घोषणापत्र का समर्थन किया है। मैं उन सभी का आह्वान करता हूं जिन्होंने अपना समर्थन नहीं दिया है। वे भी इस विश्वस्तरीय पहल का हिस्सा बनें।
हम एक्शन फॉर पीसकीपिंग को वास्तविकता का जामा पहनाना चाहते हैं।
हम अपने मिशन की स्वतंत्र रूप से समीक्षा कर रहे हैं ताकि यह तय हो कि हम किस प्रकार बेहतर तरीके से काम कर सकते हैं।
हमारे मिशन हमारी अधिक सक्रिय प्रतिक्रिया को दर्शाते हैं। वे सुरक्षा और नेतृत्व को मजबूती देते हैं, जवाबदेही में वृद्धि करते हैं और प्रदर्शन की कमियों को दूर करते हैं।
हम प्रशिक्षण और हथियारों के संबंध में नए दृष्टिकोण को प्रस्तुत कर रहे हैं जिनमें त्रिस्तरीय भागीदारी और सह-तैनाती शामिल हैं।
हमें उत्साहजनक नतीजे भी मिल रहे हैं लेकिन हमें संकट के दौरान सतर्क भी बने रहना होगा।
हम शांति अभियानों में महिलाओं की भूमिकाओं को बढ़ाने के लिए भी ठोस कदम उठा रहे हैं। शांति अभियानों में महिलाओं की संख्या में बढ़ोतरी से शांति कायम होने की उम्मीद भी बढ़ती है।
हम यौन शोषण और उत्पीड़न के आरोपों के संबंध में भी अधिक तेजी से कार्रवाई कर रहे हैं। हम पीड़ितों को अधिक से अधिक सहयोग दे रहे हैं और अधिक कारगर तरीको से उन्हें न्याय देने का काम कर रहे हैं।
शांति अभियानों का उद्देश्य सिर्फ शांति की स्थापना तक सीमित नहीं है। ब्लू हैलमेट धारी शांति सैनिक लाखों विस्थापितों को सुरक्षा प्रदान कर रहे हैं और उन तक मानवीय सहायता पहुंचा रहे हैं। मैंने माली, मध्य अफ्रीकी गणराज्य और युगांडा के दौरों के दौरान स्वयं इस बात का अनुभव किया जहां मेरी मुलाकात दक्षिणी सूडान के शरणार्थियों से हुई। मैं उन लोगों से मिला जिनकी जिंदगी संयुक्त राष्ट्र शांति सैनिकों के अथक प्रयासों के कारण बची है।
शरणार्थी उच्चायुक्त के रूप में काम करने के दौरान मैंने देखा था कि संयुक्त राष्ट्र शांति सैनिक किस प्रकार लोगों को आश्वस्त करते हैं। दुनिया के सबसे कमजोर तबके के लोगों को उनकी मौजूदगी अंतरराष्ट्रीय सौहार्द का संदेश पहुंचाती है। एक्शन फॉर पीसकीपिंग हमारे शांति अभियानों की दो मुख्य आकांक्षाओं को मजबूत करता है।
सबसे पहले, हमें राजनैतिक समाधानों के लिए अधिक प्रयास करने चाहिए। शांति सैनिकों को इसलिए तैनात किया जाता है ताकि वे अपनी विदाई के लिए स्थितियों का निर्माण कर सकें, इसीलिए शांति अभियान और उसके मेजबान देश के बीच के संबंध बहुत महत्वपूर्ण होते हैं। पिछले 70 वर्षों के दौरान संयुक्त राष्ट्र शांति सैनिकों ने विभिन्न देशों में सफलतापूर्वक अपने अभियानों को पूरा किया है और तिमोर लेस्ते, अंगोला, क्रोएशिया और सियरा लियोन जैसे देशों से विदा लिया है। कोत दिव्वार और लाइबेरिया में हमारे अभियान हाल ही में समाप्त हुए हैं। मुझे महामहिम राष्ट्रपति (जॉर्ज) वीह और महामहिम उपराष्ट्रपति डैनियल कबलान डंकन को यहां उपस्थित देखकर हार्दिक प्रसन्नता हो रही है।
दूसरी ओर नागरिकों की सुरक्षा शांति सैनिकों का सबसे बड़ा कर्तव्य है। हमें अपनी असफलताओं से उपजी त्रासदियों को नहीं भूलना चाहिए। मेरे पूर्ववर्ती श्री कोफी अन्नान, शांति सेना अभियानों के पूर्व प्रमुख, ने रवांडा और स्रब्रेनिका में ऐसी असफलताओं का सामना किया था। साथ ही महासचिव के तौर पर इस बात का वचन लिया था कि ऐसा दोबारा न हो। मैं उस मशाल को आगे बढ़ाना चाहता हूं। मैं नीदरलैंड्स और आप सभी के अतिरिक्त महामहिम राष्ट्रपति (पॉल) कागामे को धन्यवाद देता हूं जिन्होंने नागरिकों की सुरक्षा के अभियान को समर्थन दिया।
अगर हमें राजनैतिक उद्देश्यों, शांति स्थापना के उद्देश्य को हासिल करना है तो क्षेत्रीय और उपक्षेत्रीय संगठनों का सहयोग अत्यंत जरूरी है। फिर जहां तक आतंकवाद से मुकाबले या शांति कायम करने का सवाल है तो अफ्रीकी शांति अभियान, जिसमें अफ्रीकी संघ द्वारा संचालित अभियान भी शामिल हैं, महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। मैं आप सभी का आह्वान करता हूं कि आप इन अभियानों को अपना समर्थन दें। साथ ही उसके लिए पर्याप्त, अपेक्षित और स्थायी वित्त पोषण भी करें।
पहली बार संयुक्त राष्ट्र शांति सेना की तैनाती सत्तर वर्ष पूर्व हुई थी- आइए हम सब मिलकर उसे भविष्य के अभियानों के लिए तैयार करें। उसे भविष्य के लिए दुरुस्त बनाएं। संयुक्त राष्ट्र शांति अभियानों को सहयोग देने के लिए आप सबका धन्यवाद। सैन्य बलों, पुलिस और वित्त पोषण में योगदान देने, शांति अभियानों का प्रबंधन करने और सरकार के तौर पर शांति अभियानों की मेजबानी करने के लिए भी आप सबका धन्यवाद।
हम सभी शांति दूत हैं- अपने-अपने स्तर पर। शांति के दूत के रूप में हमारी भूमिका महत्वपूर्ण है। यह घोषणा हमारे समक्ष उन लक्ष्यों को स्पष्ट करती है जिन्हें हमें हासिल करना है। हमें अपनी कथनी को करनी में बदलना होगा और मैं आप सभी को इसमें भागीदार बनने के लिए आमंत्रित करता हूं।
एक बार फिर, आप सबका धन्यवाद।